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कुछ पल
इस दुनिया के शोर सेकुछ पल अपने लिए चुरा रही हूं… मैं.. हाँ मैं कुछ पलअकेले बीता रही हूं… दुनिया के आडंबरो से भाग केकुछ पल सादगी तलाश रही हूं… नहीं… मुझे अकेला महसूस नहीं हो रहामैं तो केवल कुछ पल सुकून से जीना चाह रही हूं… © सचि मिश्रा
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जिंदगी !
कैसी है ये ज़िंदगी?कभी मीठी तो..कभी तीखी सी..कभी मौसम बदलते हैं कभी लोग भी…. कितना मुश्किल सफ़र है न?इस ज़िंदगी काचलते भी जाना है मुस्कुराते भी जाना हैअपना सारा दुख भी छुपाना …ये सरल नहीं …मन में कुछ और रखनाचेहरे पर कुछ और दिखाना…. सच मे यही ज़िंदगी है? यहां सब ऐसे ही होता है,ये…